ये हैं सिंहस्थ के नजारे..मानो जमीं पर उतर आए हों सितारे
उज्जैन. दिन हो या रात सिंहस्थ के अपने ही रंग और अपने ही ढंग हैं। भव्य पंडालों की चकाचौंध रोशनी दूर से सितारों की तरह नजर आती है। दिन में हवा के तेज झौके आंधी के साथ धूल उड़ाते हैं, वहीं रात में सिंहस्थ शीतलता का अहसास दिलाता है।
धर्म और आस्था का महाकुंभ पतित पावनी शिप्रा के किनारे बस गया है। रोज यहां हजारों लोग साधु-संतों के दर्शन और आशीर्वाद लेने उमड़ रहे हैं। चिलचिलाती धूप में आस्थावानों के कदम दिनभर चलायमान रहते हैं। रात में शहर के लोग परिवारों के साथ अखाड़ों की ओर घूमने निकलते हैं। शिप्रा की कोमल लहरों पर पड़ती टिमटिमाती रोशनी मन को सुखद अहसास दिलाती है।